दोस्तों , कभी आपने प्यार किया है क्या? प्यार वापस न मिलने की वजे से दिल कभी दुःखी हुवा है क्या?
कभी कभी मुछे लगता है की , खोये प्यार की गम से टूटे हुवे दिल की ज़ख़्म को भरने के लिए उस प्यार की यादें ही काफी है. इस पर मैं ने एक कविता लिखी है. प्यार के बारे में जितनी कवितायेँ आज थक लिखी गयी है , उन कवितावों के समंदर में मेरी यह कविता सिर्फ एक बूँद है. आशा है आप इसे गौर से पढेंगे। ....
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दर्द भरी ये बात पुरानी इस मेहफिल में याद आई... इस मेहफिल में याद आई।
तनहाई में दर्दे दिल की गहराईयों में खो गया मैं
अरस किया मैं ओ मेरी भगवान , वापस दो मुछे मेरा प्यार
खो गए सपने , मंज़िलें टूटी , बहते रह गए मेरे नैन
दर्द भरी ये बात पुरानी इस मेहफिल में याद आई... इस मेहफिल में याद आई।
इस जीवन के लम्बे सफर में , साथ आवोगे ये वादा किया था
भूल गए तुम वो कस्मे वादे , छोड़के चल गए मुछको सनम
दिल कहा रो मत , आँसू न बहा , फिर भी रोये मेरे नैन
दर्द भरी ये बात पुरानी इस मेहफिल में याद आई... इस मेहफिल में याद आई।
वक्त गुज़र गए फिर भी सनम तेरे इंतज़ार में बैदा हूं मैं
उम्र थो बढ़ गयी, पर मेरे प्यार की आग जली है अब भी सनम
हस्ता हूं अब, मैं दर्दे दिल से , तेरे आंखों की झलक मिलने की
इंतज़ार में रहता हूं सनम
दर्द भरी ये बात पुरानी इस मेहफिल में याद आई... इस मेहफिल में याद आई,
इस मेहफिल में याद आई।
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